मायावती ने कांग्रेस को दिया तगड़ा झटका, मध्य प्रदेश-राजस्थान में गठबंधन नहीं

मायावती ने कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए गठबंधन से साफ इनकार कर दिया है. आज उन्होंने मध्य प्रदेश और राजस्थान में अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. मायावती ने अपने इस फैसले के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने साफ कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में उनकी पार्टी कांग्रेस से तालमेल किसी भी कीमत पर नहीं करेगी. मायावती पहले ही छत्तीसगढ़ में जोगी की पार्टी से हाथ मिला चुकी हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीएसपी अकेले अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी.बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह और कुछ अन्य नेता कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन नहीं होने देना चाहते. उन्होंने ये भी कहा कि ये लोग बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं.मायावती ने कहा कि आज कुछ नेता कह रहे हैं कि सीबीआई-ईडी की धमकी के चलते बीएसपी कांग्रेस से गठबंधन नहीं कर रही है. लेकिन असलियत ये है कि कांग्रेस इस गठबंधन के जरिए बीएसपी को खत्म करना चाहती है. उन्होंने कहा कि हम अपने सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस गलतफहमी के साथ-साथ अहंकार में भी है. कांग्रेस से गठबंधन न करने का फैसला बीएसपी मूवमेंट के हित में लिया गया है. मायावती ने कहा कि सिर्फ आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी क्षेत्रीय दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. बाकी राजस्थान और मध्यप्रदेश में अब बीएसपी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी.कांग्रेस ने मायावती के इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता रनदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जो साथ चलेगा तो सही,मायावतीनेकांग्रेसकोदियातगड़ाझटकामध्यप्रदेशराजस्थानमेंगठबंधननहीं जो हमारे साथ नहीं चलना चाहता, वो अपने अपने रास्ते चल सकते हैं. कांग्रेस के नेता के बारे में की गई प्रतिकूल टिप्पणी हम सही नहीं समझते, पर गुस्से में भावनाओं में की गई टिप्पणी को इतना तूल नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मायावती जी को राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर यकीन है तो बाकी समस्याओं को निपटा लिया जाएगा. दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक समाचार चैनल से इंटरव्यू में इशारों में कहा था कि मायावती पर सीबीआई और ईडी का दबाव है, जिसकी वजह से वह कांग्रेस के साथ नहीं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि वह मायावती का सम्मान करते हैं और उनकी मजबूरी भी समझते हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में गठबंधन की जिम्मेदारी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की है.मायावती के इस फैसले का असर न सिर्फ आसन्न विधानसभा चुनावों में दिखेगा, बल्कि 2019 में होने वाले आम चुनाव के समीकरणों पर भी रहेगा. कांग्रेस समेत कई दल मिलकर 2019 में मोदी का मुकाबला करने के लिए महागठबंधन बनाने का दंभ भर रहे हैं, लेकिन मायावती का ये फैसला इस पर भारी पड़ सकता है.